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वार्षिक लेखन प्रतियोगिता, 6- आम आदमी

वार्षिक लेखन प्रतियोगिता
6- आम आदमी
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आम आदमी दिल का साफ होता है..
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आम आदमी दिल का साफ होता है
उसमें कोई बुराई नहीं होती
किंतु आम आदमी जब खास हो जाता है
तब उसके अंदर भी बुराईयाँ आ जाती है
धोखा बेईमानी और चालाकियाँ आती है..!

आम आदमी हमेशा दिल का साफ होता है
उसकी चाहते सीमित होती है
उसके बच्चे सिर्फ रोटी दाल में भी खुश रहते हैं
लेकिन जब दूसरे बच्चे उन्हें तिरस्कृत करते हैं
तब आम बच्चे भी खास हो जाते हैं
कुछ गलत काम सीख जाते हैं 
और बड़े होकर चोर उचक्के बदमाश बन जाते हैं पैसे वाले हो जाते हैं
अमीर हो जाते हैं 
किन्तु सत्य यही है
 
कि आम बच्चे खास नहीं होते
किंतु दिल से हमेशा साफ होते  हैं ..!

आम आदमी की जिंदगी बहुत कठिन होती है
लेकिन वह स्वभाव से सरल होता है
दुनिया उसे बेवकूफ समझती है
लेकिन ईश्वर का वह प्रिय होता है
पूरी जिंदगी दुख तकलीफ सहता है
लेकिन मृत्यु होने पर सद्गति प्राप्त करता है
क्योंकि आम आदमी दिल का साफ होता है..!

आज एक प्रश्न तुमसे पूछना चाहूंगा
तुम भविष्य में क्या बनना चाहोगे..?
एक आम आदमी या एक खास व्यक्ति..?
छोड़ो, रहने दो..
क्योकि इसका उत्तर मालुम है मुझे ..
तुम भी खास व्यक्ति बनना चाहते हो
देश का हर नागरिक खास व्यक्ति बनना चाहता है
जबकि देश की नींव में आम व्यक्ति होता है
गंभीर मुद्दा अब ये है 
कि जब नींव कमजोर होगी
तो विकास कैसे होगा..?
और इसीलिए देश कमजोर हो रहा है
क्योंकि आम व्यक्ति लुप्त हो रहा है..!

आज देश का हर व्यक्ति खास बनने की कोशिश में है
इस कल्पना मात्र से दिल दहल जाता है
भ्रष्टाचार का राक्षस अट्टहास करता है
और आम आदमी जार जार रोता है

और यह सत्य बेहद डरावना है
कि जब देश से  आम आदमी लुप्त हो जाएगा

और हर आम आदमी
व्हाईट कॉलर वीआईपी बन जाएगा
तब किस तरह इस देश का विकास होगा
क्योंकि छोटा काम तब कोई करेगा नहीं
और बड़ा काम किसी को मिलेगा नहीं..!
~ विजय कांत वर्मा

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1 Comments

Seema Priyadarshini sahay

08-Mar-2022 05:32 PM

बहुत खूबसूरत

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